अब्दुल्ला पठान पर स्वास्थ्य विभाग ने की छापामार कार्यवाही, यूट्यूबर अब्दुल्ला पठान पर विशेष रिपोर्ट
मुरादाबाद, यूपी। उत्तर प्रदेश के जनपद मुरादाबाद की तहसील बिलारी के टाउन कुंदरकी में एक झोला छाप डॉक्टर की दुकान पर जिले में पहली बार स्वास्थ्य विभाग, आयुर्वेद विभाग, होम्योपैथी विभाग व ड्रग्स विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम ने मिलकर छापेमारी की। बड़ी संख्या में वहां पर आयुर्वेद दवाएं बिना पैकिंग की पाई गई। जिनमें 36 दवाओं को सील करके उनके सैंपल जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए। पूरे जनपद में यह मामला चर्चा में रहा। तमाम तरह की अफवाहें भी उढ़ीं। डॉक्टर का क्लीनिक सील कर दिया गया है। डॉक्टर फरार हो गया है। यह बात तो ठीक है कि छापेमारी के दौरान मौके पर डॉक्टर अपने क्लीनिक पर नहीं मिला था। यह कार्रवाई 16 अक्टूबर 2023 को चर्चित युटुबर कथित डॉक्टर अब्दुल्ला पठान पर की गई।
ब्लॉक कुंदरकी के ग्राम ढकिया (जुम्मा) निवासी अब्दुल वहीद के 6 बेटे और एक बेटी सहित भरा पूरा परिवार निवास करता है। अब्दुल्ला पठान सहित चार भाई लंबे चौड़े पहलवान जैसी बॉडी के हैं।दो भाई की कट काठी साधारण है। अब्दुल्ला पठान का एक भाई इस समय ढकिया जुम्मा का प्रधान अब्दुल मलिक है। एक भाई अब्दुल्ल खालिद संविदा पर ब्लॉक में जूनियर इंजीनियर है। एक भाई अब्दुल हफीज का मर्डर लगभग 15 वर्ष पहले हो गया था। उस समय इनका एक चचेरा भाई भी साथ था। दोनों कुंदरकी कस्बे के पास में ही खेत पर काम कर रहे थे। तभी बदमाशों ने दोनों को गोलियों से भून दिया। दरअसल यह सभी भाई काफी दबंग और हैकड़ प्रवृत्ति के रहे हैं। जाति से पठान होने के कारण भी यह लोग अपना रुतबा कायम रखना चाहते हैं। बताते हैं कि किसी ने उनकी ट्राली चुरा ली थी। चोरी के आरोप में इन्होंने गांव के चौकीदार के भाई को बुरी तरह पीटा था और थाने ले गए थे। यह मामला तो जैसे तैसे निपट गया था लेकिन डबल मर्डर केस में इन्होंने अन्य चार लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। अब्दुल्ला पठान का एक भाई सीआरपीएफ में है और एक पुलिस में है। बहन की शादी हो चुकी है। गांव में रंजिश के चलते यह लोग कस्बा कुंदरकी में लाइन पार मोहल्ले में बस गए हैं। गांव में खेती बड़ी है।सभी रिश्तेदार और खानदानी अभी गांव में रहते हैं। गांव में इनका जाना आना लगा रहता है। इनके पिता अब्दुल वाहिद भी बढ़िया पर्सनालिटी के पहलवान थे। आर्थिक स्थिति ज्यादा बढ़िया नहीं थी। अब्दुल्ला पठान की ननिहाल कुंदरकी की है।
अब्दुल्ला पठान और अन्य भाई अपनी नानी के घर रहकर शिक्षा ग्रहण करते थे। अब्दुल्ला पठान को अपना शारीरिक ताकत दिखाने का शौक लग गया। पहलवानी और वर्जिश वह खूब करता ही था। उसने तरह-तरह के वजन उठाने का सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। अपने दोनों हाथों से एक हाथ से एक आदमी और दूसरे हाथ से दूसरे आदमी को एक साथ उठाएं जाने का प्रदर्शन करना काफी चर्चित रहा।ट्रॉली खींच के दिखाई।ट्रक खींच के दिखाया। हाथ से नारियल फोड़ा और तरह-तरह के चमत्कार अपनी बॉडी की ताकत के दिखाता रहा।
इसकी इन कलाओं की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगीं। तब उसने सोचा कि क्यों ना यूट्यूब चैनल आदि सोशल मीडिया पर अपना अकाउंट खोला जाए। तब उसने अपनी ताकत के प्रदर्शन की वीडियो और फोटो यूट्यूब और फेसबुक इंस्टाग्राम आदि सोशल मीडिया पर डालने शुरू कर दीं। इससे इसकी शोहरत बढ़ती चली गई। प्रदेश ही नहीं देश के अन्य प्रदेशों में भी इसकी ताकत के प्रदर्शन होने लगे। चैनल पर तरह-तरह के लोग सवाल करने लगे। किसी ने पूछा कि आप क्या-क्या खाते हो। तब उसने दिल्ली खारी बावली बाजार में जाकर अपनी वीडियो बनाई। जहां तरह-तरह के मेवे बादाम काजू पिस्ता आदि बिकते हैं। लोगों को दिखाया कि वह यहां से खरीद के मेवे खाता है। इसी दौरान दिल्ली की आयुर्वेद और यूनानी दवाओं की दुकानों का थोक बाजार दिखाई दिया। जहां बड़ी संख्या में हकीम और बैध दवाई खरीद कर ले जा रहे थे। उधर यह सोशल मीडिया पर भी हकीमो के और बैधों की रील और वीडियो देखता रहता था, जो तरह-तरह के बीमारियों के इलाज की दवाएं बताते हैं और स्वयं तैयार की गई दावाओं को बेचने का प्रचार भी करते हैं। शोहरत बढ़ जाने से सोशल मीडिया से आमदनी भी होने लगी। तभी इसने हिकमत की लाइन में अपना भविष्य तलाशना शुरू किया। इसने अपनी दुकान कुंदरकी में मोहल्ला मैन बाजार में खोली लेकिन कामयाबी नहीं मिली। फिर एक पेट्रोल पंप के निकट अपना यूनानी दवाओं का क्लीनिक स्थापित किया। अब्दुल्ला पठान की हिकमत यहां भी नहीं चली। तब उसने जेएलएम इंटर कॉलेज के निकट मैन हाईवे पर अपनी दुकान स्थापित की और सोशल मीडिया पर बड़ी से बड़ी बीमारियों का देसी दवाओं से इलाज करने का प्रचार शुरू किया। अब्दुल्ला पठान का मानना था कि देसी दवाओं की तरफ देशवासियों का रुझान बढ़ रहा है और इस लाइन में खूब दौलत कमाई जा सकती है। इसने किसी हकीम के पास, किसी बैध के पास पुड़िया बांधने इलाज करने या उपचार करने का काम कभी नहीं सीखा। सरकारी संस्थान या प्राइवेट संस्थान में आयुर्वेदिक यूनानी का कोई कोर्स भी नहीं किया। इंटर पास इसकी शैक्षिक योग्यता बताई गई है। इंजीनियर लाइन में जाना चाहता था लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली। मर्दाना ताकत, धात, नाइटफाल, टाइम बढ़ाना, लिकोरिया, वजन बढ़ाना, बालों का झड़ना, पेट का इलाज, पथरी का इलाज, चेहरे पर पिंपल आदि बीमारियों का इलाज देसी जड़ी बूटियों द्वारा किया जाता है स्त्री एवं पुरुषों के गुप्त रोगों के इलाज का सोशल मीडिया पर पहला बैनर जारी किया। इससे मरीज आने शुरू हो गए।विगत 2 वर्षों से यह हालत हो गई की तीन से चार सौ मरीज तक प्रतिदिन दवाई लेने क्लीनिक पर आते देखे गए जबकि ऑनलाइन दवाई मांगने वालों की भी लंबी सूची प्रतिदिन रहती थी। इस तरह देखते ही देखते अब्दुल्ला पठान करोड़पति हो गया और इसके रसूक बड़े-बड़े लोगों से होने लगे। पुलिस विभाग के अधिकारी हों या स्वास्थ्य विभाग के सभी से अब्दुल्ला पठान के मधुर संबंध रहते। बड़े-बड़े पार्टियों और कार्यक्रमों में अब्दुल्ला पठान को बुलाया जाने लगा। एक केंद्रीय मंत्री के साथ भी इसकी उपस्थिति सोशल मीडिया पर जारी वीडियो में देखी गई।और भी वीडियो और फोटो अब्दुल्ला पठान अपने सोशल मीडिया पर जारी करता रहा।
अब्दुल्ला पठान ऑफिशल नाम से यूट्यूब पर चैनल है।जिस पर 10 लाख 27 हजार लगभग सब्सक्राइबर बताए गए हैं।यह चैनल 13 सितंबर 2017 को रजिस्टर किया गया। 6 फरवरी 2018 को पहली वीडियो अपने चैनल पर जारी की। शुरू के दिनों में अब्दुल्ला पठान लंबाई बढ़ाने के तरीके, शोल्डर की एक्साइज, बॉडीबिल्डर कैसे बने। इस विषय पर वीडियो बना बना कर पोस्ट करता था। देसी दवाओं के इलाज के बैनर पोस्ट करने पर यूनानी यानी देसी दवाओं का इलाज कराने मरीज उत्तर प्रदेश से ही नहीं दूसरे सूबों से भी आने लगे। कुछ ऐसे मरीज भी आए जो इस समय विदेश में नौकरी कर रहे हैं। इनमें जो रोगी इलाज से एक महीने में ही सही हो गए। उनका साक्षात्कार अब्दुल्ला पठान ने फेसबुक पर डालना शुरू कर दिया। जिससे इसकी शोहरत दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ गई ।एक झोलाछाप का इतना बड़ा जलवा देख लोग आश्चर्य चकित रह गए। क्लीनिक के बाहर मेला सा लगने लगा। कई तरह के फल- फ्रूट, मूंगफली पकौड़ी समोसे आदि का सामग्री के ठेले लग गए और उनका भी रोजगार चलने लगा। कुछ शिक्षित लोग इस झोलाछाप का दवा खाना बंद करने के लिए अधिकारियों से शिकायत करने लगे।
वर्तमान जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह जिन्होंने कुछ ही महीनों पहले मुरादाबाद के जिला अधिकारी पद का कार्यभार संभाला है। उन्होंने जनपद में गौशालाओं के निर्माण के लिए जनता से सहयोग राशि देने का आह्वान किया था। इसमें सहयोग के लिए अब्दुल्ला पठान ने एक लाख रुपए का चेक दिया। अब्दुल्ला पठान का गौशाला के लिए यह सहयोग समाचार पत्र और सोशल मीडिया में खूब हाईलाइट हुआ। क्योंकि अब तक यह एक सेलिब्रिटी बन चुका था। बताते हैं कि जिलाधिकारी ने जांच करवाई की एक लाख रुपए भेंट करने वाला व्यक्ति क्या करता है?
तब पता चला कि यह यूट्यूबर होने के साथ-साथ देसी दवाओं से इलाज करने का धंधा करता है। यानी एक झोलाछाप नीम हकीम खतरे जान भी है। जिला अधिकारी के आदेश पर अब्दुल्ला पठान के क्लीनिक पर छापा मारने की तैयारी की गई और कई विभागों के अधिकारियों की भारी भरकम टीम अब्दुल्ला पठान के शफाखाने पर जांच करने पहुंच गई। काफी संख्या में उस वक्त मरीज थे। भारी पुलिस बल और अधिकारियों की टीम देखकर क्लीनिक पर अफरातफरी मच गई। लोग दवाई लेकर भगते नजर आए। भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे अधिकारियों ने क्लीनिक पर कब्जा करके, बड़ी तादाद में रखी देसी जड़ी बूटियां की जांच शुरू कर दी। यह बात 16 अक्टूबर की है। 26 अक्टूबर को यूट्यूब पर अब्दुल्ला पठान ने फिर एक वीडियो जारी कर कहा कि उसका अस्पताल सील नहीं हुआ है। यह अफवाह उड़ाई गई है।किसी तरह की कोई बंदिश नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग का काम है। वह जांच करते रहते हैं। सैंपल लेते रहते हैं। लेकिन इसका क्लीनिक पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उसने अपने रोगियों से अपील करते हुए कहा कि सभी मरीज आए यहां से दवाई ले कोई परेशानी उन्हें नहीं होगी। दूसरे ही दिन यानी 27 अक्टूबर 2023 को अब्दुल्ला पठान का फेसबुक की रील पर पुलिस की वर्दी में एक वीडियो वायरल हुआ। यह बात पुलिस के संज्ञान में पहुंची। तब उसके खिलाफ थाना कुंदरकी में रिपोर्ट दर्ज की गई।इस बारे में एसपी देहात संदीप कुमार ने बताया कि पुलिस की वर्दी में वायरल होना संज्ञान में आया है। रिपोर्ट दर्ज हो गई है। जांच कर पुलिस उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी। उधर अब्दुल्ला पठान का कहना है कि सोशल मीडिया की रील में वह एक रोल मात्र जैसी है इसका तात्पर्य पुलिस बनकर किसी को ठगना नहीं है। यह तो वैसा ही है जैसे फिल्मों में पुलिस की वर्दी में सीन होते हैं। बहरहाल झोलाछाप अब्दुल्ला पठान के विरुद्ध इस तरह की कार्रवाई होने से उसका धंधा लगभग चौपट सा हो गया है। एक चौथाई मरीज भी उसके पास आते जाते नहीं देखे जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम क्या कार्रवाई करती है, यह जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा। उधर क्षेत्र के लोगों का कहना है कि झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ करवाई होती है जो बिना किसी डिग्री या डिप्लोमा के एलोपैथी दावों से इलाज करते पाए जाते हैं। उनके क्लीनिक सील होते हैं। लेकिन ऐसा कोई झोलाछाप डॉक्टर नहीं है जिसे अपना धंधा बंद करके कोई और कारोबार शुरू किया हो। देसी दावों से इलाज करने वाले नीम हकीम डॉक्टर चाहे वह यूनानी हो या आयुर्वेदिक उनके विरूध इस तरह की छापेमारी होती जनपद में पहली बार देखी है।